सोमवार, 14 जून 2010

लॉटरी में मिली मां

67 मां बाप
एक बेटा
सबको चाहिए यही बेटा
किसको मिलेगा वरदान ?
किसकी आंचल में गूंजेगी किलकारी?
आज वरदान के लिए सबसे बड़ा दिन है। वरदान को आज मां मिलने वाली है। अब वरदान लावारिस नहीं रहेगा। अब वरदान अपनी मां के आंचल में किलकारी भरेगा। वो पिता की उंगलियां पकड़कर चलना सीखेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि वरदान की मां कौन होगी... वरदान का पापा कौन होगा। वरदान तो एक ही है लेकिन वरदान पाने की होड़ में 67 मां-बाप लाइन में लगे। सब अपने आंगने में वरदान की किलकारी सुनना चाहते हैं। सबके चेहरे पर वरदान को पाने की लालसा है। लेकिन फिर वही सवाल कि वरदान किसका होगा। किस मां-पिता को मिलेगा वरदान। दरअसल सहारनपुर में 12 फरवरी को वरदाना लावारिस हालत में सड़क किनारे पड़ा मिला था। कहा ये जा रहा है लोक लाज के डर से एक कुंवारी मां ने जन्म देने के बाद वरदान को सड़क किनारे छोड़ दिया था। पुलिस ने इसे अस्पताल पहुंचाया और तभी से ऑल इंडिया वुमेन कॉन्फ्रेंस इसकी देखभाल कर रहा था। वरदान की अच्छी परवरिश हो इसके लिए माता-पिता की खोज शुरू हुई। सैकड़ों लोगों ने वरदान को गोद लेने की इच्छा भी जताई। लेकिन प्रशासन इतने भर से संतुष्ट नहीं था। अच्छे माता के लिए 67 लोगों का आवेदन स्वीकार किया गया। सभी 67 दंपत्ति वरदान को गोद लेने के लिए सहारनपुर के जिलाधिकारी सभागार पहुंचे। सबकी चाहत थी कि उसे ही वरदान मिले। प्रशासन भी हैरान था कि वरदान किसे दें। आखिरकार ये फैसला हुआ कि वरदान के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। जिसका नाम लॉटरी में आएगा वहीं उसे ही वरदान मिलेगा। वरदान को मां मिले इसके लिए हुई लॉटरी की प्रक्रिया।

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