शनिवार, 11 सितंबर 2010

'यमराज' से जंग


सैलाब की शक्ल में आए
यमराज

इस बार निशाना बने
बच्चे

बच्चों पर दया भी नहीं
आई

बच्चों को लहरों में
लपेट लिया

दो बच्चों की जान
पर बन आई

फिर शुरू हुई
मौत से जंग

लहरों में फंसे बच्चे


मौत की लहरों के बीच फंसे हैं ये बच्चे ... चारों तरफ पानी ही पानी है और लहरों में मौत दौड़ रही है ... मौत से बस थोड़ी ही दूर हैं दोनों बच्चे ... ये खौफनाक तस्वीरें मध्यप्रदेश के झाबुआ के अनास नदी की हैं ... गुरुवार सुबह 5 बच्चे इस नदी में नहाने आए थे ... अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा ... लहरें तेज होने लगीं... बच्चों के बीच खलबली मच गई ... 3 बच्चों ने भाग कर जान बचा ली ... लेकिन 2 बच्चे बीच मंझधार में फंस गए ... ये दोनों बच्चे भी जान बचाने के लिए इस पत्थर पर चढ़ गए ... जो बच्चे बच निकले , उन्होंने गांव वालों को इसकी जानकारी दी ... नदी के किनारे पूरा गांव उमड़ पड़ा ... तीन घंटे बाद पुलिस भी पहुंच गई ... नदी की धार इतनी तेज थी कि इसमें उतरने की किसी की हिम्मत नहीं हुई... पुलिस के जवान भी तमाशबीन बने रहे... लहरों के बीच पत्थर पर बैठे बच्चे डरे सहमे है... एक की उम्र 8 साल है जबकि दूसरा बच्चा 9 साल का है... बच्चों के पिता गुहार लगा रहे हैं कि कोई उनके लाल को बचा लो... Sound

लहरों में मौत से जंग




इन बच्चों को बचाने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है ... बच्चों को बचाने के लिए लाइफ जैकेट ... ट्यूब और रस्सियों का प्रबंध भी हो गया ... लेकिन लहरों से लड़ने की हिम्मत किसी में नहीं है ... पुलिसवाले हार मान बैठे हैं ... आखिरकार गांव के दो लोगों ने हिम्मत जुटाई ... वो मौत की लहरों से सामना करने को तैयार हो गए ... (jhabua 10)… ये देखिए किस तरह लहरों को चीरकर आगे बढ़ रहे हैं ये दो जांबाज... आखिरकार ये बच्चों तक पहुंच गए... इन बच्चों को बाहर निकालने के लिए इस रस्सी का सहारा लिया जा रहा है... रस्सी के एक छोर को किनारे पर खड़े लोग पकड़े हुए हैं... दूसरा छोर इस पत्थर से बांधा गया है... लेकिन असली चुनौती तो अभी बाकी है ... अब दोनों शख्स ने एक- एक बच्चे को अपने पीछे बांध लिया है... अब देखिए लहरों के बीच जिंदगी और मौत के बीच जंग... नदी की धार इतनी तेज है कि इसमें एक कदम चलना मुमकिन नहीं है... इनकी कदम लड़खड़ाई नहीं कि ये मौत के मुंह में समा सकते हैं... sound… अरे ये क्या इनके कदम तो लड़खड़ाने लगे... रास्ते में एक पत्थर भी आ गया है... हाथ से रस्सी भी छूट गई है...soung ... अब क्या होगा... क्या ये लहरों में समा जाएंगे या फिर जिंदगी की जीत होगी... sound …

लहरों के बीच दो दबंग



उफनती लहरों के बीच जिंदगी और मौत के बीच जंग जारी थी... ये मौत के बेहद करीब थे... कभी भी लहरें इन्हें लील सकती थी.. लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी थी... देखिए एक बार फिर रस्सी इसके हाथ में है... एक बार फिर मौत को मात देने की कोशिश शुरू हो गयी... किनारे पर सैकड़ों लोग... मौत से मुकाबले की इस ख़ौफनाक तस्वीरों को सांस रोके देख रहे थे... बच्चों के परिवारवाले सहमे हुए थे... उपरवाले से यही दुआ कर रहे थे... कि किसी तरह उनके बच्चे किनारे तक पहुंच जाए... मौत के उस चंगुल से आज़ाद हो जाएं... जो उन्हें कभी भी निगल सकती है... sound … जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था... लोगों की उम्मीद भी खत्म हो रही थी... लहरों के बीच हर कदम पर मौत दबोचने को तैयार थी... sound… लेकिन इस जांबाज़ ने भी ठान रखा था... कि वो हार नहीं मानेगा... पीठ पर बच्चा बंधा हुआ था... और ये शख्स लहरों से लड़ता हुआ आगे बढ़ रहा था... sound…. धीरे-धीरे लोगों को यकीन हो गया कि अब ज़िंदगी जीत जाएगी... मौत को मुंह खानी पड़ेगी... कोशिश रंग लाती दिखी... sound … आखिरकार दोनों जांबाज मौत को मात देकर बच्चों को किनारे तक ले आए... करीब 6 घंटे से ये जंग जारी थी... दोनों बच्चों को मौत के मुंह से बाहर निकालने में ये कामयाब हो गए... बच्चों के बाहर आते ही मां ने अपने बेटे को कलेजे से लगा लिया... जिला प्रशासन ने बच्चों की जान बचाने वाले दोनों युवकों को इनाम भी दिया।

बुधवार, 8 सितंबर 2010

दिल्ली की Psycho Daughter !



लाश के साथ डिनर !
लाश के साथ लंच !
मां के शव के साथ बेटी !
दिल्ली की Psycho Daughter !
एक बेटी ने पूरी दिल्ली को सकते में डाल दिया है। मां के शव के साथ एक बेटी लंच करती रही... डिनर करती रही... चाय-नाश्ता करती रही, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामला दिल्ली के साकेत का है। 45 साल की शालिनी मेहरा लंबे समय से अपनी मां की लाश के साथ रह रही थी। वो मानने को तैयार नहीं थी कि 80 साल की उसकी मां मर चुकी है। वो अपनी मां से रोज बातें करती थी। उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि उसकी मां उसकी बातों का जवाब नहीं दे रही है। वो हर बात से बेफिक्र थी... उसे सिर्फ इस बात की खुशी थी कि उसकी मां उसके साथ है... मां को मरे हुए कई हफ्ते हो चुके थे... लेकिन किसी को कानों कान इस बात की खबर तक नहीं हुई... लेकिन इस सनसनीखेज़ मामले का खुलासा तब हुआ जब... जब दिल्ली जल बोर्ड का एक कर्मचारी मीटर रीडिंग के लिए उसके घर पहुंचा... कई बार घंटी बजाने के बाद भी किसी ने घर का दरवाजा नहीं खोला... घर के भीतर से बदबू भी आ रही थी। जल बोर्ड के कर्मचारी ने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी और मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस घर में घुसी तो वहां एक महिला की लाश कंकाल में तब्दील हो चुकी थी। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था.. महिला की लाश और घर की हालत देखकर सब सन्न रह गए.. पहले तो उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आया... पुलिस ने महिला से पूछताछ तो की.. लेकिन उससे भी ठीक ठीक जानकारी नहीं मिल पायी.. जांच में अभी यही पता चल पाया है कि शालिनी की मानसिक हालत ठीक नहीं है... फिलहाल पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।