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अमेरिका की देन है
पाक परमाणु बम !
अमेरिका ने ही पाक
को दिया बढ़ावा
अब यही पाक
नासूर बन गया है
VO-1… अमेरिकी सरपरस्ती का ही नतीजा है कि पाकिस्तान आज परमाणु बमों से लैस है... अमेरिकी की गलत नीतियों की वजह से परमाणु हथियारों के किसी भी पल आतंकियों के हाथ लगने की आशंका है... अफगान युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया था... इसी दौरान वो परमाणु हथियार विकसित करता रहा... अमेरिका जान बूझकर अनजान बना रहा... नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान ने सिर्फ 6 साल में परमाणु बम बना लिए...
BYTE GFX-- अफगान युद्ध ने हमें अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाने का समय दिया। इसका श्रेय मुझे और मेरी टीम को जाता है क्योंकि यह बेहद मुश्किल काम था , एक प्रकार से असंभव कह लीजिए। यदि उस समय अफगान युद्ध नहीं होता तो हम इतनी जल्दी परमाणु बम बनाने में सफल नहीं हो पाते। '
VO-2… हाल ही में नजरबंदी से मुक्त हुए परमाणु वैज्ञानिक ए क्यू खान ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है... खान ने ये भी खुलासा किया कि अफगान युद्ध के दौरान विकसित हुआ परमाणु बम 6 साल बाद ही परीक्षण के लिए तैयार था... लेकिन जनरल जिया उल हक ने परमाणु परीक्षण को कुछ समय के लिए रोक दिया था।
GFX BYTE '6 अप्रैल 1978 वह दिन था जब हमने पहली बार यूरेनियम संवर्धन क्षमता हासिल की। 10 दिसंबर 1984 को मैंने जनरल जिया को एक पत्र लिखकर बता दिया था कि हथियार तैयार है। जिया उल हक ने कहा कि अफगान युद्ध में हमारे समर्थन के चलते अमेरिका परमाणु कार्यक्रम को देखकर भी अनदेखा कर रहा है... इसलिए हमारे लिए यह मौका है कि हम कार्यक्रम को और विकसित करें। जिया ने कहा कि परीक्षण तो बाद में किसी भी समय किए जा सकते हैं।
VO-3… पाकिस्तान ने बड़े शातिर तरीके से अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा और अमेरिका पाकिस्तान को मौन सहमति देता रहा।
GFX BYTE
मुझे यूरोप के परमाणु उद्योग और उनके आपूतिर्कर्ताओं के बारे में पूरा पता था... मुझे पता था कि कौन क्या बनाता है। जब मैं पाकिस्तान आया तो मैंने उनसे उपकरण खरीदना शुरू कर दिया जब तक कि उन्होंने हमें उपकरण बेचने को अवैध करार नहीं दिया।
VO-4… अमेरिका की सरपरस्ती की वजह से ही आज पाकिस्तान परमाणु बमों का जखीरा खड़ा करने की स्थिति में पहुंच चुका है। पाकिस्तान में लगातार लोकतंत्र की हत्या की वजह से परमाणु बमों के आतंकी हाथों में पहुंचने का खतरा बना रहता है।
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