बुधवार, 23 जून 2010

श्मशान में बेटी की शादी


कहते है शादी जिदंगी की सबसे खास रस्म होती है। जिसे हर इंसान खास तरीके से करना चाहता है। राजस्थान के बाड़मेर में भी कुछ अनोखे तरीके से रचाई गई शादी। बाड़मेर में एक जोड़े ने श्मशान में शादी रचाकर सबको हैरान कर दिया। ROLL PKG

VO-I
जहां जलती हैं चिताएं
चिताओं पर बिलखते हैं परिजन
जहां दुख के अलावा कुछ नहीं होता
वहां अचानक खुशियां छा गईं
आखिर श्मशान में ऐसा क्या हो गया ?

ये है राजस्थान के बाड़मेर का श्मशान घाट। श्मशान में हर रोज कई चिताएं जलती हैं। यहां आने वाले हर इंसान के चेहरे पर अपनों के जाने का गम होता है। लोग दहाड़ मार-मार कर रोते हैं। लेकिन श्मशान में चौकीदारी करने वाली लीला के लिए ये जिंदगी का हिस्सा है। उसके लिए ये एक पवित्र स्थान की तरह है, जहां से उसे और उसके परिवार को दो जून की रोटी नसीब होती है। लीला के लिए तो श्मशान ही उसका घर आंगन है। लीला श्मशान को इतना पवित्र मानतीं है कि उसने अपनी बेटी की शादी यहीं कराने का फैसला किया।

बाइट – लीला (दुल्हन कौशल्या की मां)

VO- 2 … लीला के श्मशान में शादी कराने के प्रस्ताव पर लड़के वालों को भी कोई आपत्ति नहीं हुई। फिर क्या था शादी की तैयारी शुरू हो गई। श्मशान में चिताओं की जगह शादी की बेदी जलाने की तैयारी होने लगी।

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श्मशान में शादी का फैसला तो कर लिया गया, लेकिन इसके लिए क्या क्या तैयारियां की गई। ROLL PKG

VO- 1 ….
लड़की के हाथों में मेहंदी रची गई। घर में ढोल बजने लगे। कौशल्या के चेहरे पर खुशी तैर रही थी। कौशल्या अपने आंगन यानि कि श्मशान में शादी जो रचाने वाली थी। श्मशान में चिताएं तो अब भी जल रही थीं, लेकिन शादी की चहल-पहल भी बढ़ गई थी। लोग शादी की तैयारियों में जुटे थे। श्मशान में होने वाली इस अनोखी शादी में हिस्सा लेने के लिए लोगों को कुछ इस अंदाज में आमंत्रित भी किया गया। TAKE AMBIANCE- ANNOUNCEMENT –

VO- 2 … 7 फेरे लेने से पहले श्मशान में एक धार्मिक अनुष्ठान भी करवाया गया ताकि शादी में कोई विघ्न न पड़े। स्थानीय श्मशान विकास समिति ने शादी का सारा खर्चा उठाने का फैसला किया।

बाइट – सुरेश मोदी (आयोजन समिति)

VO- 2 …. आखिर वो घड़ी भी आ गई जब दूल्हे राजा घोड़े पर सवार होकर श्मशान में शादी रचाने चल पड़े। श्मशान में मजमा लग गया। कुछ के चेहरे पर खुशी थी तो कुछ उत्सुकता से इस अनोखी शादी को देखने पहुंचे थे।

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ANCHOR - आखिर वो घड़ी भी आ गई जब कौशल्या और रेवंत ने श्मशान में 7 फेरे लिए। ROLL PKG

VO-I …
तैयारी हो गई पूरी
श्मशान में चिता नहीं...
शादी का मंडप सजा

श्मशान में पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर शादी की रस्में शुरू हुईं। श्मशान में बने शादी के मंडप में सारी रस्में निभाई गई। दूल्हे रेवंत ने अग्नि के साथ साथ हजारों अदृश्य आत्माओं को साक्षी मानकर कौशल्या के साथ सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निबाने की कसमें खाई। (सात फेरे वाले VISUAL के साथ बढ़िया गाना लगाकर लंबा खींचे।)

बाइट – कौशल्या (दुल्हन), रेवंत (दूल्हा)

VO- 2 … कौशल्या और रेवंत खुश हैं कि उन्हें सैकड़ों लोगों के साथ साथ आत्माओं का भी आशीर्वाद मिला। इस अनोखी शादी से श्मशान में कुछ घंटों के लिए ही सही खुशियां फैल गई।

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