सोमवार, 14 जून 2010

लॉटरी में मिली मां-2

आ गई वो घड़ी
जब लग गई लॉटरी
वरदान को लॉटरी में मिली मां
और एक मां को मिल गया वरदान
सबकी सांसे थमी हुई थी। वरदान को पाने के लिए लॉटरी की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन इससे पहले 67 मां-बाप में सिर्फ चार दंपत्ति को ही वरदान के योग्य पाया गया। अब इन चारों दंपत्तियों में से किसी एक की लॉटरी लगनी थी। चारों दंपत्ति के नाम की एक-एक पर्ची तैयार की गई। फिर चारों पर्ची को एक टेबल पर रखकर मिक्स कर दिया गया। सभी दंपत्ति मन ही मन भगवान से वरदान पाने की प्रार्थना कर रहे थे। जिलाधिकारी ने टेबल पर से एक पर्ची उठाई और तलवार दंपत्ति को मिल गया वरदान।

बाइट – आलोक कुमार, जिलाधिकारी, सहारनपुर

वीओ- 2 - लॉटरी के जरिए वरदान को माता-पिता मिल गए। 10 साल से अपने आंगने में बच्चे को तरस रहे तलवार दंपत्ति की मुरादें पूरी हो गई। संदीप और ऋतु की खुशी का ठिकाना नहीं था।
बाइट- संदीप --- ऋतु

वीओ- 3 -- अब संदीप और ऋतु के सूने आंगन में वरदान की किलकारी गूंजेगी। वहीं 4 महीने से इस मासूम की देखभाल कर रहे लोग वरदान के दूर जाने से दुखी हैं।

बाइट - अंजु रानी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया वूमन कॉन्फ्रेंस

वीओ- 4 – अब तक मां की ममता से महरूम वरदान को न सिर्फ माता-पिता मिल गए बल्कि वो पूरे सहारनपुर का लाडला भी बन गया।

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