एक लंगूर को मिली नौकरी
नाम- मंगल
पगार- 10 हजार रुपए प्रति महीना
काम – पहरेदारी
VO-1-- पेड़ पर चढ़ता, मस्ती करता मंगल कोई मामूली लंगूर नहीं है। ये राज्य कर्मचारी बीमा निगम में नौकरी करता है। नौकरी भी पूरे 10 हजार रुपए प्रति महीना की। ये अपनी ड्यूटी में कोई कोताही नहीं बरतता। ये कामचोरी नहीं करता बल्कि पूरे लगन से अपने काम को अंजाम देता है। इसका काम कानपुर के राज्य कर्मचारी बीमा निगम के दफ्तर से लाल मुंह वाले बंदरों को खदेड़ना है।
BYTE – पी. सी.शर्मा (उप निदेशक_कर्मचारी राज्य बीमा निगम)
VO-2 --- इससे पहले यहां लाल मुंह वाले बंदरों का आतंक था। बंदर राज्य कर्मचारी बीमा निगम के दफ्तर में महत्वपूर्ण फाइलों को फाड़ देता था। विभाग के अधिकारियों की कॉलोनी में भी बंदर भी खूब उत्पात मचाते थे। लेकिन सौ- सौ बंदरों से मंगल ने अकेले ही लोहा लिया और सबको खदेड़ दिया। मंगल अब कानपुर के सर्वोदय नगर में अपनी धाक जमा चुका है। मंगल अभी भी अपनी ड्यूटी पर तैनात है। इसकी देखभाल के लिए एक गार्ड को भी तैनात किया गया है।
बाईट--शिव बहादुर यादव (गार्ड)
VO-3 --- मंगल के आने से अब दफ्तर के अधिकारियों के साथ साथ मोहल्लावालों ने भी चैन की सांस ली है।
BYTE - विजय लक्ष्मी (कालोनी निवाशी)
मंगल सबका मंगल कर रहा है। वो अपने मालिक के लिए पैसा भी कमा रहा है और इस दफ्तर की रखवाली भी कर रहा है।
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