सोमवार, 9 अगस्त 2010

10 रुपये के नोट ने बचाई जान



उसकी जान खतरे में थी
वो अपने ही घर में कैद थी
उस पर ढाए जा रहे थे जुल्म
लेकिन ...
10 रुपये के नोट ­ने बचा ली जान

ये नोट है तो सिर्फ 10 रुपये का, लेकिन इसकी कीमत अनमोल है। 10 रुपए के इस नोट को गौर से देखिए ... ये नोट एक बहू का दर्द बयां कर रहा है... ये नोट हाथ जोड़कर कह रहा है कि कोई उस बहू को बचा ले, जो अपने ही घर में बंधक बनी है। इस नोट से एक बहू की चीख निकल रही है ... (For female voice with emotion मेरी ननद मुझे मारती है, मेरी मदद करें... आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि पुलिस को बुला दीजिए )...
मध्यप्रदेश के जबलपुर में इस 10 रुपये के नोट का दम दिखा और एक बहू नर्क से निकल गई। दरअसल जिस पिया के घर जाने के लिए इसने बाबुल का घर छोड़ा था, वो पिया बेरहम निकला। कभी पति पीटता था, तो कभी देवर धिक्कारता था.. तीन ननदें भी खूब पीटती थी। ये बहू एक हफ्ते तक अपने ही घर में मार खाती रही। उसे लगने लगा कि उसका पति और ससुराल वाले उसे जान से मारने की योजना बना रहे हैं। अपनी जान को खतरे में देख इसने 10 रुपये के इस नोट पर भरोसा किया। इसने नोट पर अपनी आपबीती लिख कर खिड़की से बाहर फेंक दिया।
बाइट- पीड़ित बहू

VO-2 ... घर के बाहर आते ही नोट ने अपना दम दिखाया। इस नोट पर छपे एक बहू के दर्द को देखकर पड़ोसी पसीज गए। तुरंत पुलिस को खबर की गई और एक बहू की जान बच गई।
बाइट – पड़ोसी, पुलिस
VO-3 ... 10 रुपये के इस नोट ने एक बहू को नई जिंदगी दी। वक्त ने इस 10 रुपये के इस नोट को अनमोल बना दिया।

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