गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

मुबारक के घुड़सवारों की धुनाई

तूफान की तेजी से आए ये 10 दानव 10 लाख की भीड़ के बीचों बीच पहुंच गये। इनकी आंखों से चिंगारी निकल रही थी ... ये तबाही मचाने को बेताब थे ... ऊंट और घोड़ों की टाप से कोहराम मच गया... इंसाफ के लिए सिर पर कफन बांधे 10 लाख लोगों में भगदड़ मच गई ... ये सब सिर्फ कुछ सेकेंड के अंदर हुआ ... लोगों की समझ में नहीं आ रहा था कि एकाएक घुड़सवार और ऊंटसवार कहां से आ गए... HOLD N AMBIANCE… लेकिन इंसाफ के सिपाहियों ने हिम्मत नहीं हारी... भीड़ पहले तो पीछे हटी फिर इन क्रूर घुड़सवारों को चारों तरफ से घेर लिया। AMBIANCE … अब तक ये भीड़ समझ चुकी थी कि ये राष्ट्रपति हुसनी मुबारक की आखिरी लड़ाई है... इसने हार गए तो इजिप्ट हाथ से निकल जाएगा ... निहत्थे लोगों ने जोश और जज्बा दिखाया... भीड़ घुड़सवारों पर टूट पड़ी... फिर क्या था घुड़सवारों की जैसे शामत आ गई ... HOLD AMBIANCE… जिस तूफान की तरह ये घुड़सवार आए थे उसी तरह भागने की कोशिश करने लगे ... लेकिन लोगों ने घुड़सवारों और ऊंटसवारों को धर दबोचा... राष्ट्रपति के गुर्गों की जमकर धुनाई हुई ... AMBIANCE … इंसाफ के सिपाहियों ने घुड़सवारों को खदेड़ दिया है और अब ये जीत के मुहाने पर खड़े हैं।

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